सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर ऐसे म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत दी है जो ज्वाइंट अकाउंट के जरिये निवेश करते हैं
जब आप स्मॉल सेविंग स्कीम, म्यूचुअल फंड या स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करते हैं नॉमिनी दर्ज करने को कहा जाता है. निवेश में नॉमिनी बनाना क्यों है जरूरी, नॉमिनी न बनाने के क्या हैं नुकसान, नॉमिनी बनाया है तो उसे कब और क्यों अपडेट कराना चाहिए? जुड़िए Hello Money9 से और पूछिए अपने सवाल? आपके सवालों के जवाब देंगे Multyfi के Founder, Rachit Chawla.
SEBI के नियम के तहत मौजूदा निवेशकों को 30 सितंबर से पहले नॉमिनी की डिटेल अपडेट करानी होगी
निवेशक की मृत्यु के बाद नॉमिनी उसकी संपत्ति पर अपना दावा पेश कर सकता है. कोई भी व्यक्ति उन तमाम अचल और चल संपत्तियों में नॉमिनी बना सकता है जिन पर उसका मालिकाना हक है.
निवेश हो या बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस हो या डीमैट अकाउंट नॉमिनिशेन को न टालें .
नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति उन तमाम अचल और चल संपत्तियों में नॉमिनी बना सकता है जिन पर उसका मालिकाना हक है.
डिजिटल केयर मैनेजमेंट पॉलिसी नाम का एक OPD प्रोडक्ट लॉन्च किया है जिसे रेगुलर आउटपेशेंट एक्सपेंस को कवर करने के लिए डिजाइन किया गया है.
Pension Rules: कर्मचारी की मौत पर नॉमिनी को अन्य दायित्व जैसे वेतन लाभ, कानूनी बोनस आदि प्राप्त होंगे.
Difference Between Nominee And Successor: नॉमिनी किसी भी चल अचल संपत्ति का मालिक नहीं होता है. आपके पैसों का केयरटेकर होता है.
Claim: अगर कोई नॉमिनेशन फाइल नहीं होता है और मृतक अविवाहित है तो पेंशन पिता को दी जाएगी और पिता की मौत के बाद पेंशन की हकदार मां होगी.